Diwali 2022 Date and Time
पंचांग के अनुसार: दिवाली का त्यौहार, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है| साल 2022 में कार्तिक अमावस्या की तिथि 24 अक्टूबर, सोमवार के दिन दीवाली मनाई जाएगी|
2022 Diwali Calendar: 2022 में दिवाली कब है, लक्ष्मी पूजन का सही समय और इस त्यौहार को क्यों मनाया जाता है?
दिवाली का पर्व सुख, समृद्धि और वैभव का प्रतीक है और यह भट हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता इस दिन लक्ष्मी जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. ऐसा माना गया है कि दिवाली पर विधि पूर्वक लक्ष्मी जी की पूजा करने से जीवन में यश-वैभव बना रहता है और जीवन में धन की कमी दूर होती है. यह त्यौहार प्र्तेक मनुष्य क लिए बहुत खास त्यौहार होता है | इस त्यौहार पर बच्चे पटाखे और फुलझड़ी जलते है|
2022 में दिवाली कब है? (When is Diwali in 2022)
निशिता काल – 23:39 से 00:31, 24 अक्टूबर
सिंह लग्न – 00:39 से 02:56, 24 अक्टूबर
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त स्थिर लग्न के बिना
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 24 अक्टूबर को 06:03 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – 24 अक्टूबर 2022 को 02:44 बजे
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त : 18:54:52 से 20:16:07 तक
अवधि : 1 घंटे 21 मिनट
प्रदोष काल : 17:43:11 से 20:16:07 तक
वृषभ काल : 18:54:52 से 20:50:43 तक
दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
प्रातःकाल मुहूर्त्त (शुभ): 06:34:53 से 07:57:17 तक
प्रातःकाल मुहूर्त्त (चल, लाभ, अमृत): 10:42:06 से 14:49:20 तक
सायंकाल मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल): 16:11:45 से 20:49:31 तक
रात्रि मुहूर्त्त (लाभ):24:04:53 से 25: 42:34 तक
लक्ष्मी पूजन विधि (Diwali 2022 Lakshmi Pujan)
दिवाली के शुभ अवसर पर लक्ष्मी जी की पूजा विधि विधान पूर्वक की जाती है. हम सभी लोग शास्त्रों के अनुसार बताए गए मुहूर्त में ही लक्ष्मी जी का पूजन करना शुभ माना गया है| इस दिन स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर और पूरे तन मन धन के साथ पूजा अर्चना करना चाहिए| पूजा के बाद लक्ष्मी जी की आरती और मंत्रों का जाप अवश्य करें.
माँ लक्ष्मी पूजा मंत्र:
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
दीपावली का त्यौहार को क्यों मनाया जाता है?(Why is the festival of Diwali celebrated?)
दीपावली एक सनातन धर्म का त्यौहार हैं और इसे साल का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता हैं. इस त्यौहार को अधर्म पर धर्म की विजय और अंधकार पर प्रकाश की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता हैं|
इस दिन भगवान श्रीराम त्रेता युग में रावण को हराकर जब अयोध्या वापस लौटे थे. तब प्रभु श्री राम के आगमन पर सभी अयोध्यावासियों ने घी के दीए जलाकर उनका स्वागत किया था. इसीलिए 5 दिनों के उत्सव दीपावली में सभी दिन सभी घरों में दिए जलाए जाते हैं